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Tuesday, July 26, 2011

कारगिल शहीदोँ के प्रति

ऐ शहीद-ए-कारगिल,
रो-रो पुकारे तुझको दिल ॥
देकर आहुति प्राणो की,
इतिहास इक फिर से गढा ॥
खाक मेँ तुम मिल गये पर,
देश का गौरव बढा ॥
कैसे मानू मिट गये तुम,
हो गये तुम तो अमर ॥
सर झुके है,आँखे नम है,
है यहाँ वीराना-पन ॥
अर्पित तुम्हे श्रद्धांजलि,
करता नमन सारा वतन ॥
ऐ शहीद-ए-कारगिल,
रो-रो पुकारे तुझको दिल ॥

रचयिता:-मयंक शेखर गौनियाल'शशांक'
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