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Saturday, March 19, 2011

बुरा न मानो, होली है ।

  • 2009 के आम चुनाव परिणाम..............................................................................................सोनिया गाँधी:-
    बदल जाये अगर माली, चमन होता नही खाली;
    बहारेँ फिर भी आती हैँ,बहारेँ फिर भी आयेगी ।
    लालकृश्ण आडवाणी:-
    स्वप्न झरे,फूल से,मीत चुभे,शूल से;
    लुट गये श्रंगार सभी,बाग के बबूल से;
    और हम खडे-खडे,बहार देखते रहे;
    कारवाँ गुज़र गया,गुबार देखते रहे।
    राहुल गाँधी:-
    मैँ जट यमला पगला दिवाना,इत्ती सी बात ना जाना,
    कि ओ मैनु प्यार कर दी है,साडे उत्ते वो मर दी है ।
    लालू प्रसाद-राम विलास (चुनाव से पहले):-
    हम तुम दोनो जब मिल जायेगेँ,
    एक नया इतिहास बनायेगेँ ।
    लालू प्रसाद-राम विलास (चुनाव के बाद):-
    वक़्त ने किया, क्या हँसी सितम;
    हम रहे ना हम, तुम रहे ना तुम ।
  • करुणानिधी:-
    अरे दीवानोँ,मुझे पहचानोँ,कहाँ से आया,मैँ हूँ कौन,
    मैँ हुँ डॉन, मैँ हुँ डॉन..............................................

    जयललिता:-
  • अज़ीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरु,कहाँ खतम;
    ये मँजिलेँ हैँ कौन सी,न वो समझ सके, न हम ।

    जयाप्रदा:-
    पर्वत के इस पार,पर्वत के उस पार;
    गूँज उठी छम-छम,मेरी पायल की झनकार ।
    ममता बैनर्जी:-
    कोमल है, कमज़ोर नही तू,
    शक्ति का नाम ही नारी है।
    राम विलास पासवान:-
    कल चमन था, आज इक सहरा हुआ,
    देखते ही देखते यह क्या हुआ ।
    ज़ॉर्ज फर्नांडीज़:-
    हज़ार राहेँ, मुड के देखी, कहीँ से कोई सदा न आई;
    बडी वफा से, निभाई तुमने, हमारी थोडी सी बेवफाई ।
    शिवराज पाटिल:-
    हम बेवफा हरगिज़ न थे, पर हम वफा कर न सके;
    हमको मिली जिसकी सज़ा, हम वो खता कर ना सके ।
    बिन माँगे समर्थन देने वाले दल (सपा,बसपा आदि):-
    सज़ी नहीँ बारात तो क्या, आई ना मिलन की रात तो क्या;
    ब्याह किया तेरी यादोँ से,गठबन्धन तेरे वादोँ से;
    बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे.....................................
    चौथा मोर्चा:-
    इतना टूटा हुँ के छूने से बिखर जाऊँगा;
    अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा।

    मायावती:-
    तुम्हारी नज़र क्योँ खफा हो गई;
    खता बख्श दो गर खता हो गई ।
    प्रकाश करात:-
    भूली हुई यादोँ हमेँ इतना ना सताओ;
    अब चैन से रहने दो मेरे पास ना आओ ।
    डॉ. मनमोहन सिंह:-
    साडे नाल रहोगे तो ऐश करोगे;
    ज़िन्दगी के सारे मज़े कैश करोगे ।
    तीन प्रेम प्रसंग....................................................................
  • चाँद मोहम्मद:-
    ये माना मेरी ज़ाँ मुहब्बत सज़ा है;
    मज़ा इसमेँ इतना मगर किसलिये है;
    वो इक बेक़रारी जो कल तक इधर थी;
    वही बेक़रारी उधर किसलिये है ।
    फिज़ाँ:- 
  • इस तरह तोडा मेरा दिल,क्या मेरा दिल ना था;
    ये तो कह देते तुम्हारे,प्यार के क़ाबिल ना था ।
  • 2
    सुनन्दा पुश्कर:-
    तुम्हेँ और क्या दूँ मैँ दिल के सिवाय;
    तुमको हमारी उमर लग जाय ।
    शशि थरूर:-
    मेरी तमन्नाओँ कि तस्वीर तुम सँवार दो;
    प्यासी है ज़िन्दगी और इसे प्यार दो ।

    3
  • महेन्द्र सिँह धौनी:-
    मैँ जिस दिन भुला दूँ तेरा प्यार दिल से 
  • वो दिन आखरी हो मेरी ज़िन्दगी का
    ये आँखे उसी रात हो जायेँ अन्धी
    जो देखेँ सिवा तेरे सपना किसी का ।
  • साक्शी रावत:-
    आये हो मेरी ज़िन्दगी मेँ,तुम बहार बन के;
    मेरे दिल मेँ यूँ ही रहना तुम प्यार प्यार बन के ।

    उत्तराखण्ड के राजनेता
    बी सी खँडूडी (पाँचो लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते मे):-
    तस्वीर बनाता हूँ तस्वीर नही बनती;
    इक ख्वाब सा देखा है ताबीर नही बनती ।
    भगत दा (जनरल के प्रति):-
    जिस दिल मे बसा था प्यार तेरा;
    उस दिल को कभी का तोड दिया, हाय तोड दिया
    बदनाम ना होने देँगे तुझे 
  • तेरा नाम ही लेना छोड दिया, हाय छोड दिया 

  • जनरल खंडूडी (भगत दा के प्रति):
    तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ;
    वफा कर रहा हूँ वफा चाहता हूँ।
    भगत दा (जनरल के प्रति ):-
    तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे;
    जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे;
    संग-संग तुम भी गुनगुनाओगे।
    जनरल खंडूडी (इस्तीफा देते हुए):-
    हम छोड चलेँ है महफिल को याद आये कभी तो मत रोना;
    इस दिल को तसल्ली दे देना घबराये कभी तो मत रोना ।
    उक्रान्द :-
    दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है;
    उम्र भर क गम हमेँ ईनाम दिया है ।
    डॉ. हरक सिँह रावत :-
    मैँ ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया;
    हर फिक्र को धुएँ मे उडाता चला गया ।
    मदन कौशिक (हाई कमान के प्रति हरद्वार से टिकट कटने पर):-
    कोई जब तुमहारा ह्रदय तोड दे,तडपता हुआ जब कोई छोड दे;
    तब तुम मेरे पास आना प्रिये,मेरा दर खुला है खुला ही रहेगा तुम्हारे लिये ।
    मुन्ना सिँह चौहान :-
    हमने अपना सब कुछ छोडा,प्यार तेरा पाने को;
    छोड दिया क्योँ प्यार ने तेरे दर-दर भटकाने को।
    हरबंस कपूर:-
    हम हैँ राही प्यार के हमसे कुछ न बोलिये;
    जो भी प्यार से मिला हम उसी के हो लिये।
    डॉ. रमेश पोखरियाल "निशँक":-
    हरी भरी वसुन्धरा पे नीला-नीला ये गगन;
    कि जिसके बाद्लोँ की पालकी उडा रहा पवन;
    दिशाएँ देखो रंग भरी चमक रही उमंग भरी;
    ये किसने फूल-फूल पे किया श्रँगार है;
    ये कौन चित्रकार है,ये कौन चित्रकार है ।


           मयंक शेखर गौनियाल "शशांक"
    चलितवाणी:- 09410572748
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